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बीएससी सेमेस्टर-1 जन्तु विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2657
आईएसबीएन :0

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बीएससी सेमेस्टर-1 जन्तु विज्ञान

प्रश्न- जेनेटिक कोड पर टिप्पणी लिखिए।

उत्तर -

आनुवंशिक कूट
(Genetic Code)

आनुवंशिक कूट DNA अणुओं या जीन्स में स्थित नाइट्रोजिनस क्षारों का वह अनुक्रम है जिसमें प्रोटीन अणुओं के संश्लेषण के संदेश निहित रहते हैं।

कोडॉन (Codon) - न्यूक्लिओटाइड्स के उस समूह को जिसमें किसी एक अमीनो अम्ल के लिए संदेश होता है, कोडॉन कहते हैं।

DNA को आनुवंशिक सूचनाओं का निहित टेप कहा जाता है जिसमें नाइट्रोजिनस क्षारों के अनुक्रमों के रूप में आनुवंशिक संदेश होते हैं। यह विभिन्न प्रकार की प्रोटीनों का संश्लेषण एवं निर्देशन करके समस्त जैविक क्रियाओं पर नियंत्रण रखता है। प्रोटीन अमीनो अम्लों के दीर्घ अणु हैं जो विशिष्ट अनुक्रमों में एक-दूसरे से संयोजित रहते हैं। जीवधारियों के शरीर में अनेक प्रोटीन्स होते हैं। इन प्रोटीन्स के निर्माण में केवल 20 अमीनो अम्ल भाग लेते हैं। विभिन्न प्रोटीन्स के लक्षणों एवं प्रकृति में अन्तर इन अमीनो अम्लों के विभिन्न अनुक्रमों में विन्यास के कारण होते हैं।

नाइट्रोजिनस क्षारों का रैखिक विन्यास प्रोटीन अणु में विभिन्न अमीनो अम्लों के अनुक्रम को निर्धारित करता है, DNA अणु में चार नाइट्रोजिनिस क्षार होते हैं (A, T, G, C) जो प्रोटीन संश्लेषण का नियमन करते हैं। प्रोटीन संश्लेषण के लिए DNA से आनुवंशिक सूचना m-RNA के माध्यम से कोशिका के कोशाद्रव्य में पहुँचती है।

एफ. एच. सी क्रिक (F.H.C. Crick) ने आनुवंशिक कूट के सम्बन्ध में एक सिद्धान्त प्रस्तुत किया। इसके अनुसार प्रत्येक अमीनो ऐसिड के लिए तीन नाइट्रोजिनस क्षारों का एक अनुक्रम या त्रिकूट (triplet code) होता है। सर्वप्रथम गैमो (Gamow) ने 1954 में त्रिकूट के विषय में अपनी राय व्यक्त की।

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यह विदित है कि DNA तथा RNA में चार प्रकार के न्यूक्लिओटाइड्स होते हैं। इन्हीं चार प्रकार के न्यूक्लिओटाइड्स के विन्यास पर 20 अमीनो अम्लों के विन्यास का कूट आधारित होता है।

त्रिक कोड (Triplet Code) - तीन न्यूक्लिओटाइड से बने कोड को त्रिक कोड कहा जाता है। त्रिक कोड से 64 (4 × 4 × 4 = 64) कोडॉन या कोड शब्द बनते हैं। ये कोड 20 अमीनो अम्लों के लिए आवश्यकता से अधिक होते हैं। त्रिक कोड में अक्षरों का विन्यास किसी विशेष अमीनो अम्ल के कोड को निर्धारित करने के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है।

आनुवंशिक कूट निम्नलिखित लक्षण प्रदर्शित करते है -

(i) आनुवंशिक कूट का अपहास (Degneracy of Genetic Code) - आनुवंशिक कूट में अधिकतर अमीनो अम्लों को एक से अधिक कूटों द्वारा पेप्टाइड श्रृंखला में इनके विशेष स्थानों की तरफ निर्देशित किया जा सकता है। कोडिंग की इस प्रणाली को अपहासित प्रणाली (degenerate system) कहा जाता है। ये कूट जीवों को हानिकारक उत्परिवर्तनों से सुरक्षा प्रदान करते हैं तथा क्षारों के युग्मन में होने वाली त्रुटियों को कम करते हैं। एक हासित कूट वह है जिसमें अमीनो अम्ल तथा कोडॉन के बीच एक- एक का सम्बन्ध होता है जिसके कारण 64 कूटों में से 44 कूट अनावश्यक हो जाते हैं। आनुवंशिक कूट अपहासिता सामान्य रूप से त्रिक कूट के 3' - सिरे के तीसरे नाइट्रोजिनस क्षार के स्थान पर होती है। कभी-कभी अमीनो एसिल t-RNA सिन्थेटेज एन्जाइम जो उचित अमीनो अम्ल के संलग्न ता के लिए आवश्यक होता है के भूल के कारण भी अपहासिता विकसित होती है।

2. आनुवंशिक कूटों का अभिव्यापन एवं अनतिव्यापन (Overlaping and Non- overlaping Genetic Codes) - प्रारम्भ में आनुवंशिक कूट में अपह्रासिता एक विवाद का विषय बना रहा। इसके लिए अतिव्यापी अनुक्रम वाला एक त्रिक कूट प्रस्तुत किया गया। इस कूट के अन्तर्गत कोडॉन की संख्या को 64 से कम करके 20 तक किया जा सकता है। परन्तु यह धारणा सफल नहीं हुई। वर्तमान में अनतिव्यापी त्रिक कूट (non-overlaping triplet code) के पक्ष में प्रमाण दिये गये। अतिव्यापि कूट का अर्थ है कि एक ही अक्षर का दो विभिन्न कूटों या कोडॉन्स के लिए प्रयोग न किया जाना।

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3. कूट की सार्वत्रिकता (Universality of Codon)Comma free codon - सभी जीवित प्राणियों चाहे वह सूक्ष्म जीव हों या बड़े प्राणी या पौधे सभी में आनुवंशिक कूट पाया जाता है। सभी में आनुवंशिक कूट भी समान होता है लेकिन प्रोटोजोआ तथा माइटोकॉण्ड्रिया में कुछ भिन्नता पायी जाती है।

4. निरर्थक कोडॉन (Non-sense Codon) - तीन त्रिक कूट UAA, UGA तथा UAG ऐसे हैं जो किसी भी अमीनो अम्ल को कोडित नहीं करते हैं, इन्हें निरर्थक कूट अथवा अन्तस्थ कूट (termination codon) कहते हैं। UAA या ओक (ochre), UAG या अम्बर (amber) तथा UGA या ओपल (opal) कोडॉन m-RNA में उपस्थित होने पर पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला को समाप्त करने का कार्य करते हैं इस कारण अब इन्हें निरर्थक कोडॉन कहते हैं।

5. प्रारम्भ करने वाले कोडॉन (Initiating Codon) AUG - कोडॉन आरम्भन कोडॉन कहलाता है क्योंकि यह पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला के संश्लेषण को प्रारम्भ करता है।

6. संदिग्धता (Ambiguity) - एक विशिष्ट कोडॉन सदैव एक ही अमीनो अम्ल को कोडित करता है चाहे वह किसी भी स्थान पर क्यों न हो। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में कोडॉन संदिग्ध अवस्था मे होता है क्योंकि कुछ दशाओं मे कुछ कोडान भिन्न प्रकार के अमीनो अम्लों को कोडित करते हैं। उदाहरण - ई. कोलाई (E. coli) के स्ट्रेप्टोमाइसिन संवेदी स्ट्रेन अवस्था में UUU कोडॉन सामान्यतः फिनाइल एलेनिन अमीनो अम्ल को कोडित करता है जबकि राइबोसोम की स्ट्रेप्टोमाइसिन से अभिक्रिया करने पर यह कोडॉन आइसोल्यूसीन ल्यूसीन या सिरीन को कोडित करता है। 

हरितलवक का जीनोम 120kb से 210kb लम्बा होता है जबकि ऐसीटाबुलेरया नामक शैवाल में यह 400kb लम्बा होता है। यह यूकेरियोटिक कोशा के कुल डी. एन. ए. का लगभग 14% बनाता है। प्रत्येक कोशा में असंख्य हरितलवक पाये जाते हैं तथा प्रत्येक हरितलवक में इनकी संख्या 15- 20 तक होती है। यह कुण्डलित तथा हिस्टोन प्रोटीन रहित होते हैं। इनमें ओवरलैपिंग जीन्स (overlapping genes) भी पाये जाते हैं यह क्लोरमफेनीकोल नामक प्रतिजैविक के प्रति सुग्राही होते हैं तथा अपनी प्रोटीन संश्लेषण क्रिया को बंद कर देते हैं। यह लगभग 126 प्रकार की प्रोटीन का निर्माण करता है। जिसमें से 12% हरितलवक के घटकों के निर्माण में सहायक होती है जबकि कोशाद्रव्य केवल 55 प्रकार की tRNA के द्वारा प्रोटीन का निर्माण करता है। हरितलवक में पाए जाने वाले DNA को दो मुख्य समूहों में बाँटा गया है-

1. RNA Polymerase, chloroplast ribosome, tRNA का निर्माण करने वाले जीन्स।
2. Photosystem I तथा Photosystem II का निर्माण करने वाले जीन्स।

हरितलवक में फॉर्मिल मेथियोनीन (AUG formyl metheonine) को विशिष्टीकृत करता है जबकि कोशाद्रव्य में यह मेथियोनीन (metheonine) अमीनो अम्ल को विशिष्टीकृत करता है।

UGA कभी-कभी ट्रिप्टोफेन (tryptophan) नामक अमीनो अम्ल को विशिष्टीकृत करता है जबकि यह कोशाद्रव्य में टर्मिनेशन कोडॉन (termination codon) होता है। इसी प्रकार CGC ट्रिप्टोफेन को, AUU मेथियोनीन को तथा AUG AUA, AUU, AUC आरम्भन कोडॉन (initiating codon) के रूप में कार्य करते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- कोशा कला की सूक्ष्म संरचना जानने के लिए सिंगर और निकोल्सन की तरल मोजैक विचारधारा का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- कोशिका सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? प्राणि कोशिका का नामांकित चित्र बनाइए तथा पाँच कोशिका उपांगों के मुख्य कार्यों का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- निम्नलिखित वैज्ञानिकों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए - (i) एन्टोनी वान ल्यूवेन हॉक (ii) श्लीडेन तथा श्वान्स
  4. प्रश्न- अन्तरकोशिकीय संचार या कोशिका कोशिका अन्तर्क्रिया पर टिप्पणी लिखिए।
  5. प्रश्न- कोशिका-एडहेसन का वर्णन कीजिए।
  6. प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए - (i) माइक्रोट्यूब्ल्स (ii) माइक्रोफिलामेन्टस (iii) इन्टरमीडिएट फिलामेन्ट
  7. प्रश्न- माइटोकॉण्ड्रिया की संरचना व कार्यों का वर्णन कीजिए।
  8. प्रश्न- एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम की संरचना तथा कार्यों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  9. प्रश्न- राइबोसोम की संरचना एवं कार्यों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- परऑक्सीसोम पर टिप्पणी लिखिए।
  11. प्रश्न- वेंकटरमन रामाकृष्णन पर टिप्पणी लिखिए।
  12. प्रश्न- बाह्य प्रोटीन और समाकल प्रोटीन कोशिका कला की पारगम्यता को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
  13. प्रश्न- हरितलवक और माइटोकॉण्ड्रिया में मिलने वाले समान लक्षणों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- परॉक्सीसोम किन कोशिकांगों के साथ मिलकर प्रकाशीय श्वसन (फोटोरेस्पिरेशन) की क्रिया सम्पन्न करता है? प्रकाशीय श्वसन के जैविक कार्यों की समीक्षा प्रस्तुत कीजिए।
  15. प्रश्न- केन्द्रक की संरचना का चित्र सहित वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- उपयुक्त आरेखों के साथ गुणसूत्र आकारिकी व परासंरचना का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- “गुणसूत्रों की विशेष किस्में” विषय पर एक निबन्ध लिखिए।
  18. प्रश्न- न्यूक्लिक अम्ल क्या होते हैं? डी.एन.ए. की संरचना तथा प्रकृति का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- वाट्सन तथा क्रिक के द्वारा प्रस्तुत डी. एन. ए. की संरचना का वर्णन कीजिए तथा डी. एन. ए. के विभिन्न प्रकार बताइए।
  20. प्रश्न- राइबोन्यूक्लिक अम्लों की रचना का वर्णन कीजिए तथा इसके जैविक एवं जैव-रासायनिक महत्व पर प्रकाश डालिए।
  21. प्रश्न- मेसेल्सन एवं स्टेहल के उस प्रयोग का वर्णन कीजिए जो अर्द्ध-संरक्षी डी. एन. ए. पुनरावृत्ति को प्रदर्शित करता है।
  22. प्रश्न- जेनेटिक कोड पर टिप्पणी लिखिए।
  23. प्रश्न- गुणसूत्रों की रचना एवं प्रकार का वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- न्यूक्लिओसोम का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- सहलग्नता क्या है? उचित उदाहरण देते हुए इसके महत्त्व की चर्चा कीजिए।
  26. प्रश्न- क्रॉसिंग ओवर को उदाहरण सहित समझाइए तथा इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
  27. प्रश्न- सेण्ट्रोसोम की परिभाषा लिखिए।
  28. प्रश्न- क्रोमेटिन के प्रकारों को बताते हुए हेटेरोक्रोमेटिन को विस्तार से समझाइये।
  29. प्रश्न- किसी एक प्रायोगिक साक्ष्य द्वारा सिद्ध कीजिये कि डी.एन.ए. ही आनुवांशिक तत्व है।
  30. प्रश्न- गुणसूत्र पर पाये जाने वाले विभिन्न अभिरंजन और पट्टिका प्रतिमानों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- B गुणसूत्र का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- डी.एन.ए. और आर.एन.ए. में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  33. प्रश्न- RNA कौन-सा आनुवंशिक कार्य DNA की तरह पूरा करता है?
  34. प्रश्न- नीरेनबर्ग तथा एच.जी.खोराना के योगदान का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- क्या RNA का एक स्ट्रेण्ड दूसरा स्ट्रेण्ड संश्लेषित कर सकता है?
  36. प्रश्न- DNA की संरचना फॉस्फोरिक एसिड, पेन्टोज शर्करा तथा नत्रजन क्षार से होती है। इसके वस्तुतः आनुवंशिक तत्व कौन से हैं?
  37. प्रश्न- वाटसन एण्ड क्रिक पर टिप्पणी लिखिए।
  38. प्रश्न- DNA की पुनरावृत्ति में सहायक एन्जाइमों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- कोशिका चक्र से आप क्या समझते हैं? इण्टरफेज में पायी जाने वाली कोशिका चक्र की विभिन्न प्रावस्थाओं का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- समसूत्री कोशिका विभाजन का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए तथा समसूत्री के महत्व पर एक टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- अर्धसूत्री कोशिका विभाजन का सविस्तार वर्णन कीजिए तथा इसके महत्व का उल्लेख कीजिए।
  42. प्रश्न- समसूत्री तथा अर्धसूत्री विभाजन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  43. प्रश्न- एक संकर संकरण क्या है? कम से कम दो उदाहरणों को बताइए।
  44. प्रश्न- स्वतन्त्र अपव्यूहन के नियम को समझाइए।
  45. प्रश्न- एक उपयुक्त उदाहरण देते हुए अपूर्ण प्रभाविकता पर एक टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- जन्तुओं में लिंग निर्धारण की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- मानव में लिंग निर्धारण कैसे होता है?
  48. प्रश्न- लिंग निर्धारण में प्राकृतिक कारकों के प्रभाव का उदाहरण सहित विस्तृत वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- वंशानुगत तथा आनुवंशिकी में अन्तर बताइए।
  50. प्रश्न- आनुवंशिकी का जनक किसको वस्तुतः कहा जाता है?
  51. प्रश्न- समप्रभाविता की वंशागति को समझाइए।
  52. प्रश्न- “समलक्षणी जीवों की जीनी संरचना भिन्न हो सकती है। यह कथन सही है अथवा गलत? क्यों?
  53. प्रश्न- ग्रीगर जॉन मेण्डल के योगदान को रेखांकित कीजिए।
  54. प्रश्न- कौन-सा कोशिका विभाजन गैमीट पैदा करता है?
  55. प्रश्न- स्यूडोडोमिनेंस पर टिप्पणी लिखिए।
  56. प्रश्न- टेस्ट क्रॉस एवं बैक क्रॉस में अन्तर बताइए।
  57. प्रश्न- टेस्ट क्रॉस तथा बैक क्रॉस को समझाइए।
  58. प्रश्न- मानव में बार बॉडी के महत्व को समझाइये।
  59. प्रश्न- लिंग प्रभावित वंशागति एवं लिंग सीमित वंशागति में अन्तर बताइए।
  60. प्रश्न- लिंग सहलग्न, लिंग प्रभावित और लिंग सीमाबद्धित लक्षणों के बीच सोदाहरण विभेदकीजिए।
  61. प्रश्न- मेरी एफ. लिओन की परिकल्पना समझाइए।
  62. प्रश्न- कारण स्पष्ट कीजिए कि नर मधुमक्खी में शुक्राणुओं का निर्माण समसूत्री विभाजन द्वारा क्यों होता है?
  63. प्रश्न- ZW टाइप लिंग निर्धारण पर टिप्पणी लिखिए।
  64. प्रश्न- पक्षियों में लिंग निर्धारण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- स्तनधारी मादा की शुरूआती अवस्था में कौन-सा X क्रोमोसोम हेट्रोक्रोमेटाइज हो जाता है, माता का या पिता का?
  66. प्रश्न- मल्टीपिल ऐलीलिज्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  67. प्रश्न- Rh-तत्व क्या है? इसके महत्व एवं वंशागति का वर्णन कीजिए।
  68. प्रश्न- जीन की अन्योन्य क्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरणों की सहायता से जीन की अन्योन्य क्रिया की विधि का वर्णन कीजिए।
  69. प्रश्न- सहलग्नता क्या है? उचित उदाहरण देते हुए इसके महत्त्व की चर्चा कीजिए।
  70. प्रश्न- क्रॉसिंग ओवर को उदाहरण सहित समझाइए तथा इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
  71. प्रश्न- एक स्त्री का रक्त समूह 'AB' व उसके बच्चे का रक्त समूह '0' है। कारण सहित स्पष्ट कीजिए कि उस बच्चे के पिता का रक्त समूह क्या होगा?
  72. प्रश्न- एक Rh + स्त्री, Rh पुरुष से शादी करती है। इनकी संतति में एरेथ्रोब्लास्टोसिस की क्या सम्भावना है?
  73. प्रश्न- लैंडस्टीनर के योगदान का वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- रक्त समूह को समझाइए।
  75. प्रश्न- जिनोम को परिभाषित कीजिए।
  76. प्रश्न- 'गृह व्यवस्थापक जीन' या 'रचनात्मक जीन' के बारे में बताइये।
  77. प्रश्न- प्रभावी तथा एपीस्टेटिक जीन में क्या अन्तर है?
  78. प्रश्न- लीथल जीन्स पर टिप्पणी लिखिए।
  79. प्रश्न- पूरक जीन क्रिया को परिभाषित कीजिए।
  80. प्रश्न- गुणसूत्र पर पाये जाने वाले विभिन्न अभिरंजन और पट्टिका प्रतिमानों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- हेट्रोक्रोमेटिन और उसके लक्षण पर टिप्पणी लिखिए।
  82. प्रश्न- क्रासिंग ओवर उद्विकास की प्रक्रिया है। स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- लिंकेज ग्रुप पर टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- सामान्य मानव कैरियोटाइप का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- गुणसूत्रीय विपथन पर एक निबन्ध लिखिए।
  86. प्रश्न- असुगुणिता किसे कहते हैं? विभिन्न प्रकार की असुगुणिताओं का वर्णन कीजिए तथा इनकी उत्पत्ति के स्रोत बताइए।
  87. प्रश्न- लिंग सहलग्न वंशागति से आप क्या समझते हैं? मनुष्य या ड्रोसोफिला के सन्दर्भ में इस परिघटना का उदाहरणों सहित विवेचन कीजिए।
  88. प्रश्न- क्लाइनफिल्टर सिंड्रोम कार्यिकी अथवा गुणसूत्र के असामान्य स्थिति का परिणाम है। स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- मंगोलिज्म या डाउन सिन्ड्रोम क्या है?
  90. प्रश्न- टर्नर सिन्ड्रोम उत्पन्न होने के कारण एवं उनके लक्षण लिखिए।
  91. प्रश्न- समक्षार उत्परिवर्तन पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- अनुप्रस्थ विस्थापन पर टिप्पणी लिखिए।
  93. प्रश्न- पोजीशन एफेक्ट क्या है? उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- लिंग सहलग्नता प्रक्रिया को समसूत्री नर व समसूत्री मादा में स्पष्ट कीजिए।
  95. प्रश्न- वर्णान्ध व्यक्ति रेलवे ड्राइवर क्यों नहीं नियुक्त किये जाते हैं?
  96. प्रश्न- मानव वंशागति के अध्ययन में क्या मुख्य कठिनाइयाँ हैं?
  97. प्रश्न- संक्रामक जीनों से आप क्या समझते हैं?
  98. प्रश्न- वंशावली विश्लेषण पर टिप्पणी लिखिए।
  99. प्रश्न- लिंग सहलग्न वंशागति के प्रारूप का वर्णन कीजिए।
  100. प्रश्न- अफ्रीकी निद्रा रोगजनक परजीवी की संरचना एवं जीवन चक्र का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- वुचरेरिया बैन्क्रोफ्टाई के वितरण, स्वभाव, आवास तथा जीवन चक्र का वर्णन कीजिए।
  102. प्रश्न- जिआर्डिया पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  103. प्रश्न- एण्टअमीबा हिस्टोलायटिका की संरचना, जीवन-चक्र, रोगजन्यता एवं नियंत्रण का वर्णन कीजिए।
  104. प्रश्न- अफ्रीकी निद्रा रोग क्या है? यह कैसे होता है? इसके संचरण एवं रोगजनन को समझाइए। इस रोग के नियंत्रण के उपाय बताइए।
  105. प्रश्न- फाइलेरिया क्या है? इसके रोगजनकता एवं लक्षणों तथा निदान का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- जिआर्डिया के प्रजनन एवं संक्रमित रोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  107. प्रश्न- जिआर्डिया में प्रजनन पर टिप्पणी लिखिए।
  108. प्रश्न- जिआर्डिया पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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